बादशाह ने दरबार में एक कवि को कविता सुनाई। कवि ने कहा, ‘यह कविता आपने अच्छी नहीं लिखी है।’
बादशाह को गुस्सा आ गया। उसने कवि को एक दिन के लिए कैदखाने में डाल दिया। कवि एक दिन कैदखाने में रहा, फिर आजाद कर दिया गया।
कुछ दिन बाद बादशाह ने कवि को फिर दूसरी कविता सुनाई और प्रशंसा चाही। पहले तो कवि खामोश रहा, ‘फिर उठकर चल दिया।
बादशाह ने पूछा, ‘कहां जा रहे हो ?’
कवि ने कहा, ‘जी, कैदखाने में।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment